Saturday, July 25, 2015

नरेंद्र मोदी ने लालू पर साधा निशाना, नीतीश के भाषण पर लगे ठहाके Narendra Modi in Patna



पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेटनरी कॉलेज में लोगों को संबोधित करते हुए राजद प्रमुख लालू यादव पर निशाना साधा है। मोदी ने कहा कि विकास को राजनीति से कितना नुकसान होता है आदरनीय मुख्यमंत्री जी ने विस्तार से बता दिया है। अगर अटल जी की सरकार को 6 माह और मिल जाते तो दनियावां-बिहारशरीफ रेल लाइन का काम पूरा हो जाता। उस समय नीतीश जी रेल मंत्री थे। चुनाव के बाद सरकार बदल गई और जो नए रेल मंत्री बने, उन्होंने यह काम रोक दिया। जो काम 6 माह में हो जाता उसे पूरा होने में 6 साल से ज्यादा समय लग गया। इससे नुकसान जनता का हुआ। गौरतलब है कि नीतीश कुमार के बाद लालू यादव रेल मंत्री बने थे। मोदी ने कहा कि नीतीश जी ने अच्छी बात कही है। IIT में यहां के जरूरत के अनुसार फैकल्टी लाई जानी चाहिए। मैं तो चाहता हूं कि दुनिया के टॉप फैकल्टी को यहां लाया जाए।
हर मर्ज की दवा है विकास
प्रधानमंत्री ने वेटनरी कॉलेज में कहा कि विकास का कोई पर्याय नहीं है। हमें गरीबी से लड़ना है तो विकास करना होगा, बेरोजगारी से लड़ना है तो विकास करना होगा। सब दुखों की एक ही दवा है विकास। मोदी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि राज्यों में अब विकास के लिए प्रतिस्पर्धा होने लगी है। सभी राज्य सरकार सोच रहे हैं कि वे विकास के रास्ते पर किसी से पीछे नहीं रहें। देश को आगे बढ़ाना है तो राज्यों का विकास करना होगा। विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि अब दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने का जमाना नहीं रहा। अब राज्यों द्वारा चलाए जा रही योजनाओं पर ध्यान देने की जरूरत है।
देश को सबसे ज्यादा रेल मंत्री बिहार ने दिए। रेल मंत्री तो बिहार से मिले, लेकिन उसका विकास मैं करूंगा। बिहार के हर क्षेत्र को कैसे जोड़ा जाए। आने वाले दिनों में रेल, रोड के बाद गैस ग्रिड का महत्व है। गैस अधारित संरचना के लिए ज्यादा पैसा लगता है। बिहार के आर्थव्यवस्था में बदलाव आया।
50 हजार करोड़ से नहीं चलेगा बिहार का काम
नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार करने वह बिहार आए थे। इस दौरान उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज देने का वादा किया था। दिल्ली में बैठकर मैंने तय किया था कि बिहार को 50 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाए, लेकिन गंभीरता से सोंचने पर मुझे लगा कि इतने से बिहार काम नहीं चलने वाला है। बिहार को अगर ऊंचाई पर ले जाना है तो 50 हजार करोड़ रुपए से काम नहीं चलेगा। मैं समय आने पर इससे भी अधिक के पैकेज की घोषणा करुंगा।
मोदी ने रिमोट से किया कई योजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के वेटनरी कॉलेज में केंद्र सरकार की कई योजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने रिमोट से दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का उद्घाटन किया। केंद्र सरकार की इस योजना के लिए 5800 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस योजना के द्वारा गांव और खेतों तक 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने रिमोट से दनियावां-बिहारशरीफ रेल लाइन का उद्घाटन किया। इस रेल लाइन से राजगीर, नालंदा, बिहारशरीफ और पावापुरी जाने वाले पर्यटकों को लाभ मिलेगा। यह इलाका पटना स्टेशन से जुड़ जाएगा।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी पटना के नए कैंपस का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने आईआईटी में बने नए मेडिकल इक्यूवेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। मोदी ने पटना से मुंबई जाने वाली सुविधा ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री ने हल्दिया जगदीसपुर गैस पाइप लाइन के प्रथम चरण का उद्घाटन भी किया।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह पहला बिहार दौरा है। इससे पहले नीतीश कुमार और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने एयरपोर्ट पहुंचकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

नीतीश ने भाषण पर लगे ठहाके
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को योजनाओं के उद्घाटने के लिए धन्यवाद दिया। नीतीश ने भाषण की शुरुआत में भाजपा नेता सुशील मोदी को अपना पुराना साथी और नंद किशोर यादव को प्रिय मित्र कहकर संबोधित किया। यह सुनते ही कुछ देर के लिए सभा ठहाकों से गूंज गया। नीतीश ने कहा कि अगर अटल बिहारी जी की सरकार को 6 माह का और समय मिल जाता तो यह रेल लाइन पूरा हो जाता। सरकार बदलने के बाद यह काम रुक गया और 6 साल बाद आज इसका उद्घाटन हुआ है।
नीतीश ने कहा कि IIT पटना के लिए राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन दिया था। 500 एकड़ जमीन में फैले इस कैंपस में अभी कुछ ही विषयों की पढ़ाई हो रही है। नीतीश ने प्रधानमंत्री से मांग की कि IIT पटना का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि यहां एग्रीकल्चर एण्ड फूड, एयरो स्पेस, आर्किटेक्चर और प्योर साइंस की पढ़ाई की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने एक प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर राज्य सरकार के अधिकारियों पर उन योजनाओं पर बात करते हैं, जो राज्य के कारण रुकी हो। इससे काम तेजी से होता है।

साभार - दैनिक भाष्कर 

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